--------गायक: सुधीर फाडके
बुद्धं सरणं गच्छामि
धम्मं सरणं गच्छामि
संघं सरणं गच्छामि
ओम नमो तथागता नमोस्तु गौतमा
ज्ञानदीप चेतवी घालवी तमा
ओम नमो
तथागता नमोस्तु गौतमा
सदय ह्रिदय अभय दान देई तू स्वये
अंतरंग शांत करीत जीवनात ये
सकल मलीन जाळण्यास भीमशक्ती दे
अखिल भुवल उजळण्यास प्रेम भक्ती दे
करी सशक्त करी समर्थ हे नरोत्तमा
ओम नमो तथागता नमोस्तु गौतमा
नव नवीन रूप धरून येई अज्ञता
बुद्ध देव भारतास द्या प्रबुद्धता
विष समान विषमता न अजून लोपली
द्या जगास शिकवणूक दिव्य
आपुली
परम करुण लोचनात दाटली क्षमा
ओम नमो तथागता नमोस्तु गौतमा
धम्म शरण संघ शरण लोक साधना
शुद्ध चित्त शुद्ध नीती शुद्ध भावना
नवयुगात मिळवूयात जन समानता
हाच धम्म हेच ध्येय येई मानता
भीमरूप धरून तूच शिकविले आम्हा
ओम नमो तथागता नमोस्तु गौतमा
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